Politics news : रायगढ़ का उभरता सितारा , महापौर पद के प्रबल दावेदार नरेश गोरख ।

जानिए नरेश गोरख का जीवन परिचय और संघर्ष की कहानी…
रायगढ़/ रायगढ़ जिले के सोनकर पारा निवासी, एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी और रायगढ़ नगर निगम के महापौर पद के प्रबल दावेदार हैं। 7 अक्टूबर 1977 को जन्मे नरेश गोरख के पिता स्व. श्री राजामुन्ना गोरख से मिले संस्कारों ने उनके जीवन को दिशा दी। बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विद्या भारती के प्रभाव में रहे नरेश ने सरस्वती शिशु मंदिर में शाला नायक के रूप में नेतृत्व की जिम्मेदारी निभाई।

शिक्ष और प्रारंभिक जीवन…
बी.ए., एल.एल.बी. और पी.जी.डी.सी.ए. की डिग्रियां हासिल करने वाले नरेश गोरख ने छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय भूमिका निभाई। राष्ट्रीय विचारधारा और सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर उनकी रुचि ने उन्हें राजनीति और सामाजिक कार्यों की ओर प्रेरित किया।
राजनीतिक सफर…
1995 में भारतीय जनता पार्टी के सामान्य सदस्यता के साथ राजनीति में कदम रखने वाले नरेश ने नगर मंडल सदस्य से लेकर अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तक का सफर तय किया। 2014 में अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला महामंत्री के रूप में कुशल नेतृत्व प्रदान किया। 2015 में एल्डरमेन, नगर पालिक निगम रायगढ़ के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभाईं। वर्तमान में वे जिला भाजपा के विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में सक्रिय हैं।
सामाजिक कार्य और जनसरोकार…
नरेश गोरख सामाजिक कार्यों में भी अग्रणी हैं। पिछले 15 वर्षों से पौधारोपण और स्वच्छता अभियान चला रहे हैं। हर साल भव्य तिरंगा यात्रा और संगठन के कार्यक्रमों का सफल आयोजन करते हैं। समाज की समस्याओं को सुलझाने में हमेशा तत्पर रहने वाले नरेश खटिक समाज रायगढ़ के अध्यक्ष भी हैं।
व्यक्तित्व और लोकप्रियता…
मृदुभाषी, सरल स्वभाव और जनप्रिय नेता के रूप में नरेश गोरख ने न केवल अपनी पार्टी में बल्कि विपक्ष में भी अपना प्रभाव छोड़ा है। उनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि लोग उन्हें बिना पद के ही “महापौर जी” कहकर संबोधित करते हैं।
भविष्य की संभावनाएं…
नरेश गोरख रायगढ़ नगर निगम के महापौर पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के सशक्त दावेदार माने जा रहे हैं। उनकी निष्ठा, मेहनत और जनसंपर्क को देखते हुए संगठन और जनता को उनसे काफी उम्मीदें हैं। यदि पार्टी उन्हें मौका देती है, तो रायगढ़ नगर निगम में भाजपा की विजय सुनिश्चित मानी जा रही है।
“रायगढ़ तैयार है अपने सच्चे सेवक को महापौर के रूप में देखने के लिए।”